रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे।
रधुनाथाय नाथाय सीतायः पतये नमः।।
रमन्ते योगिनः अस्मिन सा रामं उच्चते अर्थात योगीजन ध्यान में जिस शून्य में रमते हैं, उसे ही राम कहते हैं।
राम:- र वर्णमाल में २७वां अक्षर आ की मात्रा दूसरा और म २५वां।
राम २७+ २+२५=५४ + राम २७+२+२५=५४अर्थात राम+राम ५४+५४ =१०८ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड
जैसा कि आप सभी को पहले से सूचित किया जा चुका है कि विभूति खण्ड गोमती नगर स्थित श्री रामेष्ट मंदिर में सूर्य उत्तरायण होने के उपरांत चन्द्रमास पौष शुक्ल पक्ष पुत्रदा एकादशी सौरमास माघ ७ प्रविष्ट (गते/पैठ यह हिन्दी मास की तारीख है) रविवार रोहिणी नक्षत्र में आंग्ल 21जनवरी को श्री रामचरितमानस अखण्ड पाठ प्रारंभ होगा और कूर्म द्वादशी २२ तारीख को इसा ोगा अतः इस अवसर पर वाल्मीकि जी को स्मरण करके उनके एक सुंदर मंत्र को सम्पुट के रूप में लिया गया है। संपुट इस प्रकार है
आपदामपहर्तारं दातारं सर्व सम्पदाम्।
लोकाभिराम् श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम्।।
समस्त आपत्तियों दूर करने वाले सर्व शक्तियों को देने वाले जो लोक लोक में समाये हुए हैं, ऐसे श्री राम को मैं बारंबार नमन करता हूं यही संपुट का भाव है।
आप सबकी सरलता के लिए एकश्लोकि रामायण;- आदोराम तपो वनादि गमनं हत्वा मृगं कांचनम्, वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव सम्भाषणम्।
बाली निर्दलनं समुद्र तरणं लंकापुरी दाहनम्, पश्चाद्रावण (पश्चात रावण) कुम्भकर्ण हननं एतद्धि श्री रामायणम्।।
श्री राम जय राम जय जय राम, जय हनुमान। दशरथ कुल नन्दन श्री राम, जानकी वल्लभ श्री राम, हनुमान जी के ईस्ट श्रीराम
22 जनवरी को जैसे कि आप सभी को विदित है कि अयोध्या में श्रीराम जी अपने जन्म स्थान पर २२ जनवरी २०२४ को विराजमान होंगे। इसी प्रकार लखनऊ में भी अर्थात श्रीरामेष्ट मंदिर विभूति खण्ड गोमती नगर में भी श्री रामचरित मानस पाठ२१-१-२०२४ को प्रारंभ २२ता० को पारायण।
५ अगस्त २०२० को अभिजीत मुहूर्त में भक्तों द्वारा श्रीराम दरवार की स्थापना हुई थी, और वहां अयोध्या में भी श्रीराम जन्म भूमि का पूजन अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। अतः २२ जनवरी को पारायण महायज्ञ के द्वारा श्रीराम भोग वितरण की भी व्यवस्था द्वरा की गयी है। भोग वितरण प्रभु श्रीराम की इच्छा अनुसार श्री हनुमत कृपा से चलता रहेगा। इसलिए आप लोग अपना सहयोग एवं अपना समय निकालें सेवा भाव के लिए । आपको यहाँ कैसे पहुचना है यह मैं बता देता हूँ । बस ग्यारह नम्र क ो उसें आत्माराम सवार होकर जय सियाराम जय हनुमान पुकारते पुकारते पहुँच ही जाएंगे ।
🛕🌞🐚🕉 जय श्रीराम 🔯🪷🪔🏹